Ayurveda Solutions | करनाल और रोहतक में कांग्रेस-भाजपा लगा रही पूरा दमखम
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करनाल और रोहतक में कांग्रेस-भाजपा लगा रही पूरा दमखम

भाजपा ने नगर निगम चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव समिति ने ऐसे प्रत्याशियों की तलाश शुरू की है, जो जीत दिला सकें। इसमें केंद्रीय मंत्रियों की दिलचस्पी कम दिखाई दे रही है, क्योंकि उनके क्षेत्र में मेयर के चुनाव नहीं है।

सोमवार को भाजपा की चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें प्रत्याशियों के नामों पर होमवर्क किया गया। साथ ही चुनाव जीतने को लेकर खूब मंथन हुआ, लेकिन इस समिति में शामिल तीनों केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर और बीरेंद्र सिंह नदारद थे। इनका न आना पार्टी के कुछ नेताओं में चर्चा भी बना, लेकिन सफाई में यही कहा कि तीनों मंत्री दूसरे प्रदेशों के चुनाव में व्यस्त हैं।

अभय के लिए खुद को साबित करना चुनौती : निगम चुनाव इनेलो और अभय चौटाला के लिए भी किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होंगे। दो फाड़ होने के बाद अब उनके सामने खुद को साबित करना होगा। इनेलो ने चुनावी क्षेत्र में जिलाध्यक्ष, हलका अध्यक्ष, संबंधित क्षेत्र के विधायक या जिन्होंने विधानसभा का पिछला चुनाव लड़ा था, इनकी ड्यूटी प्रत्याशी तलाशने के लगा दी है, जबकि फाइनल टिकट के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। सूत्रों का कहना है कि गठबंधन में बसपा को एक या दो सीट दी जा सकती हैं।

पूर्व सीएम और मौजूदा सीएम एक दसरे के गढ़ में लगाना चाहते हैं सेंध :

भाजपा के लिए चुनाव इसलिए खास हैं कि यह करनाल और रोहतक में भी हो रहे हैं। करनाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल का गृह जिला है तो पार्टी को यहां जीत की सबसे ज्यादा जरूरत है, जबकि रोहतक पूर्व सीएम हुड्‌डा का गृह जिला है और वहां से सांसद कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्‌डा हैं। यदि वहां सीधे चुनाव में भाजपा मेयर बना ले जाती है तो वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हवा बनाने में कामयाब हो सकती है।

ऐसे में भाजपा यहां पूरा जोर लगाएगी। हिसार में भी पिछली सीट भी इनेलो के खाते में गई थी। इसलिए वहां भी भाजपा को पूरा जोर रहेगा। रोहतक शहर की विधानसभा सीट भाजपा के खाते में जाने से हुड्‌डा को बड़ा झटका लगा था। इसलिए मेयर चुनाव में हुड्‌डा भी यहां पूरा दमखम लगाएंगे। इसके अलावा कांग्रेस की नजर करनाल सीट पर भी रहेगी।

हिसार सीट तय करेगी दुष्यंत का जनाधार :

इनेलो से अलग हुए सांसद दुष्यंत चौटाला के लिए हिसार मेयर का चुनाव सबसे अहम होगा, क्योंकि वे हिसार से सांसद हैं। अब उनके पास पार्टी का तमगा नहीं है। इसलिए अब यह दिखाना होगा कि हिसार में उनका खुद का जनाधार है।